गाजीपुर से डी पंडित की रिपोर्ट
कहते हैं समय बड़ा बलवान होता है। कुछ ऐसा ही इस समय भाई जान मुख्तार अंसारी के साथ हो रहा है। बागपत की जेल में अपने शार्प शूटर मुन्ना बजरंगी की हत्या से डरे मुख्तार को पहले बांदा जेल में दिल का दौरा पड़ता है, फिर चंडीगढ़ के एक कारोबारी से एक करोड़ की रंगदारी मांगने के आरोप में 21 जनवरी 2021 को कोर्ट आदेश पर बांदा जेल से पंजाब के रोपड़ जेल में आया।
यहां एक लंबी कानूनी लड़ाई के बाद उसे दो साल बाद गत 7 अप्रैल 2021 को 27 माह 17 दिन बाद फिर उसी बांदा जेल भेज दिया जाता है, जहां से उसे लाया गया था। यहां मुख्तार को लेकर दो राज्यों पंजाब और उत्तर प्रदेश की सरकारें भी आमने सामने आ गई थीं। यहां तक की दोनों सरकारों ने कोर्ट का रुख किया और मुख्तार को बांदा भेजने आदेश पंजाब सरकार कोर्ट ने दिया।
इसके अलावा पूर्व भाजपा विधायक कृष्णा नंद राय की पत्नी अल्का राय ने भी कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी को पत्र लिख कर मुख्तार को बचाने आरोप लगाया था। यही आरोप पंजाब की कैप्टन सरकार पर भी लगे थे।
मुख्तार को सता रहा खुद की हत्या का डर
हालात बदलते देर नहीं लगती। यूपी ने निजाम बदलते ही हालात भी तेजी से बदले। उत्तर प्रदेश के मुख्मंत्री ने सत्ता की बागडोर संभालते ही पुलिस को गोली का जवाब गोली देने खुली छूट देने के बाद से कई एन्काउंटर हुए तो कईयों की संपत्तियां जब्त कर ली गई। एक एक करके मुख्तार और उसके गुर्गों, पूर्व सांसद अतीक अहमद, विजय मिश्रा, मुबारक खान और पूर्व सांसद दाउद की संपत्तियों पर बुल्डोजर, कुर्की अन्य कानूनी कार्रवाइयों से जहां मुख्तार सक्ते में हैं, वहीं उसे बागपत जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या, कानपुर के बिकरू कांड के मुख्य आरोपित विकास दूबे और उसके गुर्गों की गाड़ियां पलटना आदि ऐसी घटनाएं है जिससे मुख्तार के आंखों की नींद उड़ी हुई है। उसे लगने लगा है कि कहीं पुलिस उसका एंकाउंटर न कर दे या मुन्ना बजरंगी की तरह जेल में उसकी हत्या की जा सकती है। इस आशंका को लेकर मुख्तार का परिवार भी आशंकित है।
जितनी उम्र उतने मुकदमे
माफिया डान मुख्तार अंसारी पर दर्ज मुदमों की बात की जाए उसकी उम्र से अधिक उसपर मुकदमे दर्ज हैं। इस वर्ष दर्ज कुछ मुदमों को छोड़ दिया जाए तो 58 साल के मुख्तार अंसारी पर उत्तर प्रदेश के विभिन्न थानों में हत्या, हत्या के प्रयास, साजिश रचने, धोखाधड़ी, गैंगस्टर एक्ट, अवैध संपत्ति बनाने सहित कई मुकदमें दर्ज हैं। कुल मिला कर मुख्तार पर उत्तर प्रदेश के अलावा बिहार, दिल्ली और पंजाब में भी केस दर्ज हैं । यानी इन सभी राज्यों के 12 जिलों के 24 थानों में 52 से अधिक मामले दर्ज हैं। एमपी एमएलए कोर्ट में भी मुख्तार पर कुल 19 मामले दर्ज हैं। ये सभी मुकदमें प्रयागराज में एमपीएमएलए कोर्ट में लंबित हैं, जबिक 6 मामलों में ट्रयल चल रहा है।
मुख्तार पर दर्ज कुछ प्रमुख केस
क्रमश:
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