भारतीय फिल्मों का विवदों से गहरा नाता रहा है। कुछ फिल्में तो ऐसी भी रहीं हैं की शूटिंग से लेकर रिलीज तक फिल्मकारों को कोट कचहरी के चक्कर काटने पड़े हैं। हालांकि एक सत्य यह भी कि जो फिल्में जितनी ही विवादित रही हैं वो बाद में उतनी ही सुपर हीट रही हैं। आइए कुछ ऐसी फिल्मों के बारे में जानते हैं, जिन्हें पहले तो छवि खराब करने वाली बता कर प्रतिबंधित करने की मांग की गई, लेकिन जब वह रुपहले पर्दे पर प्रदर्शित की गईं तो दर्शकों ने उन्हें काफी सराहा।
उड़ता पंजाब
फिल्म उड़ता पंजाब का फी विरोध हुआ था। पंजाब में नशे की लत को लेकर बनी यह वर्ष 2016 में रिलीज हुई थी। अभिषेक चौबे के निर्देशन में बनी इस फिल्म में शाहीद कपूर, आलिया भट्ट, करीना कपूर, दिलजीत दोसांझ, सतीश कौशिक जैसे कलाकारों ने अभिनयन किया था। पंजाब में नशे की समस्या पर बनी इस फिल्म में सेंसर बोर्ड 89 कट सुझाए थे। मामला हाईटकोर्ट पहुंचा और कोर्ट ने एक कट के साथ इसे रिलीज करने की अनुमति दे दी थी।
लम्हा
इस फिल्म को काफी विवादित माना गया। विपाश बसु अभिनित इस फिल्ममें कश्मीर के मुद्देको पदर्शित िकया था। अपने इस संवेदनशील विषयवस्तु के कारण इस फिल्म को पाकिस्तान, बहरीन, कुव्वैत, सऊदी अरब, ओमान, कतर सहित कई देशों में प्रतिबंधित कर दिया गया था।
लिपिस्टिक अंडर माय बुर्का
यह फिल्म भी काफी विवादों में रही। अंग्रेजी से हिंदीमें अनुवादित ब्लैक कामेडी इस फिल्म कीकहानी और निर्देशन अलंकृता श्रीवास्तव ने किया था। इस फिल्म को सेंसर बोर्ड ने प्रमाणपत्र देने सेमनाकरिदया था। बोर्ड का कहना था कि यह एक महिला प्रधान फिल्म है। यह फिल्म असल जिंदगीसे परे हैं। बोर्ड ने यह भी कहा था िक इसमें विवादित यौन सीन हैं। अपमान जनक शब्द और ऑडियो पोनोग्राफी शामिल है जो समाज के एक खास वर्ग के लिए अधिक संवेदनशील है।
पीके
अमिरखान और अनुष्का शमा के अभिनय से सजी इस फिल्म को कौन भूल सकता है। इस फिल्म के रिलीज होते ही बवाल मच गया था। जगह-जगह लोग आमीर खान के पोस्टर अलाने लगे थे। इस फिल्म के कुछ दूश्यों पर लोगों ने आपत्ति जताते हुए इसे हिंदू धर्म का अपमान बता इसपर प्रतिबंध लगाने तक की मांग कर डाली थी। कुछ इसी तरह ओ माई गाड फिलम् को लेकर हुआ था। इस फिल्म को हिंदू धर्म का अपमान करने वाला बताया गया था।
पद्मावत
वर्ष 2018 में रिलीज हुई संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत की शूिटंग से लेकर रिलीज होने तक काफी विवाद हुआ था। तब कर्णी सेना सहित अन्य संगठनों ने इस फिल्म का विरोध किया था। जगह-जगह पुतले फूंके गए थे। इस फिल्म की मुख्य भूमिका में शाहिद कपूर, रणवीर सिंह और दिपिका पादुकोण थीं, हलांकि कुछ संशोधन के बाद फिल्म को रिलीज कर दिया गया था।
द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर
वर्ष 2019 में आई ' द ऐक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर' फिल्म काफी विवदों में रही। पूव प्रधान मंत्री डा: मनमोहन सिंह के मिडिया सलाहकार रहे संजय बारू की किताब पर आधारित इस फिल्म में मुख्य भूमिका में अनुपम खेर थे। जिन्होंने पूर्व प्रधान मंत्री डा: मनमोहन सिंह की भूमिका थी। जबकि, अक्षय खन्ना ने संजय बारू का किरदार निभाया था। उस समय कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने इस फिल्म पर गंभीरआरोप लगाते हुए कहा था कि इस फिल्म में नेहरू गांधी परिवार की गलत छवि दिखाइ गई है।
इसी तरह शिव सेना प्रमुख बाला साहेब ठाकरे के जीवन पर आधारित फिल्म ठाकरे आई थी। नवाजुद्दीन सिद्दीकी अभिनित इस फिल्म पर सवाल खड़े हुए थे। आरोप लगे थे कि ठाकरें परिवार को महिमामंडित करने के लिए फिल्म में गत तथ्य दिखाए गए थे।
पानीपत
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर आधारित फिल्म 'पानीपत' को लेकर जाट समुदाय के लोगों ने आपित्त जताई थी। फिल्मकार आशुतोष गोविरकार के निर्देशन में बनी यह फिल्म वर्ष 2019 में रिलीज हुई थी। अहमद शाह अब्दाली और मराठों के सेना प्रमुख सदाशिवराव के बीच हुए युद्ध की घटनाओं पर आधािरत इस फिल्म में कृति सैनन, अर्जुन कपूर और संजय दत्त मुख्य किरदार में थे। हलांिक विरोध के बाद फिल्ममेकर ने फिल्म के कुछ दृश्यों को काटछांट के बार रिलीज किया था।
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